i Phytoscience Double Stemcell Poducts
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Double StemCell in Hindi :-
नमस्कार दोस्तों,
इसे ध्यानसे पढ़ो क्युकी शायद आपने कभी ये चमत्कारी चीज ना देखी होगी और ना कभी सुनी होगी।
सायंस टेक्नोलॉजी की दुनिया की सबसे ऊँची खोज दुनिया के सभी टॉप एवार्डस् के साथ दुनिया की नंबर वन 100 % गेरन्टेड प्रोडक्ट वह भी 6 करोड़ के इंश्योरेंस के साथ - और दुनिया मे कभी ना देखा हो ऐसा Power Business नंबर वन इंकम प्लान।
सायंस टेक्नोलॉजी की दुनिया की सबसे ऊँची खोज दुनिया के सभी टॉप एवार्डस् के साथ दुनिया की नंबर वन 100 % गेरन्टेड प्रोडक्ट वह भी 6 करोड़ के इंश्योरेंस के साथ - और दुनिया मे कभी ना देखा हो ऐसा Power Business नंबर वन इंकम प्लान।
प्रोडक्ट का नाम है डबल स्टेम सेल और ट्रिपल स्टेम सेल।
ये आप जब तक नहीं जानोगे तब तक इस स्टेम सेल प्रोडक्ट का महत्त्व आपकी समझ में नहीं आएगा। इस लिए प्रथम आप को ये बात बहुत अच्छी तरह समझ लेना बहुत जरुरी है की स्टेम सेल क्या है? मैंने इसे बहुत महेनत से आप के लिए लिखा है। तो कृपा करके इसे जरा ध्यान से पढ़े और पूरा पढ़े। ये जानकारी आपको अपने जीवन में भी बहुत काम आ सकती है।
आज मै एक ऐसी चीज से आपका परिचय करवाने जा रहा हूँ। जो की इस युग में सायंस टेक्नोलॉजी की दुनिया की नंबर वन एक उँची खोज है। और इसका नाम है "स्टेम सेल" जब बच्चा अपनी माँ के पेट से जन्म लेता है। तब उसके पेट की नाड अपने माँ के बच्चे दानी के साथ जुडी होती है उसीको प्रथम "स्टेम सेल" कहा जाता है। ये नाड जिस बच्चे की है उसे अपनी 25 से 30 साल की उम्र तक अपनी बीमारिया मिटाने के काम में आती है। (इस नाडी को संभाल कर रखने की बैंके (ब्लडबैंक जैसी) अभी भारत में मौजूद है। और इस को संभाल कर रखने का किराया रु 72000 से ज्यादा है) जब बच्चे को किसी भी प्रकार की बीमारी, रोग, या महारोग होने पर अपने शरीर में ऑपरेशन द्वारा इस नाड के स्टेम सेल का प्रत्यारोपण कर के उन किसी भी प्रकार के रोगोंको जड़ से मिटाया जाता है। लेकिन इस ट्रीटमेंट का खर्च लगभग 18 से 27 लाख रुपये तक का खर्चीला हो सकता है।
आज मै एक ऐसी चीज से आपका परिचय करवाने जा रहा हूँ। जो की इस युग में सायंस टेक्नोलॉजी की दुनिया की नंबर वन एक उँची खोज है। और इसका नाम है "स्टेम सेल" जब बच्चा अपनी माँ के पेट से जन्म लेता है। तब उसके पेट की नाड अपने माँ के बच्चे दानी के साथ जुडी होती है उसीको प्रथम "स्टेम सेल" कहा जाता है। ये नाड जिस बच्चे की है उसे अपनी 25 से 30 साल की उम्र तक अपनी बीमारिया मिटाने के काम में आती है। (इस नाडी को संभाल कर रखने की बैंके (ब्लडबैंक जैसी) अभी भारत में मौजूद है। और इस को संभाल कर रखने का किराया रु 72000 से ज्यादा है) जब बच्चे को किसी भी प्रकार की बीमारी, रोग, या महारोग होने पर अपने शरीर में ऑपरेशन द्वारा इस नाड के स्टेम सेल का प्रत्यारोपण कर के उन किसी भी प्रकार के रोगोंको जड़ से मिटाया जाता है। लेकिन इस ट्रीटमेंट का खर्च लगभग 18 से 27 लाख रुपये तक का खर्चीला हो सकता है।
"प्रथम स्टेम सेल"
जब माता की कोख में, माता के आर्तव और पिता के शुक्राणु के मिश्रण से जो मांस का प्रथम गोला बनता है। ये गोला माता की कोख के साथ एक नाड से जुड़ जाता है। इसी को "(प्रथम स्टेम सेल) फस्ट "स्टेम सेल" कहते है। जैसे जैसे ये मॉस का गोला बड़ा होता है। तो इसमे हाथ, पैर, आँख, कान, नाक, जैसे अवयव निर्माण होते है। इस क्रिया के साथ साथ हृदय, फेफड़े, लिवर, किडनी, थायरॉइड ग्रंथि, पेन्क्रियाज ग्रंथि वगैरे का भी निर्माण होता है। जैसे प्रथम "स्टेम सेल" मूल रूप में होते है। वैसे ही हाथ के, पैर के, हृदय के, फेफड़े के, लिवर के, किडनी के, थायरॉइड ग्रंथि के, पेन्क्रियाज ग्रंथि के वगैरे के "स्टेम सेल" स्वतंत्र अपने अपने जाती के और अलग अलग होते है। और ओ से "स्टेम सेल" अपने अपने स्वतंत्र ग्रुप में शरीर के अवयवो को चलाने का काम करते है।
एक उदाहारण- मान लीजिये की पेन्क्रियाज ग्रंथि के ग्रुप में से कुछ"स्टेम सेल" नस्ट (मर गए) हो गए, कुछ कमजोर हो गए, कुछ अच्छे है लेकिन अपने मूल स्थान से स्थानांतरित हो गए। तो इस स्थिति में प्रेंक्रियाज ग्रंथि अपना काम ठीक से नहीं कर पाती तब इस स्थिति का नाम है डायाबिटीस। इस डायाबिटीस की ट्रीटमेंट अगर माता के प्रथम "स्टेम सेल" से की जाये तो ये "स्टेम सेल" पेन्क्रियाज ग्रंथि को बिलकुल नया जन्म दे देते है जैसी की पहले थी। तो दोस्तों ये "स्टेम सेल" हमारी तंदुरस्ती के लिए कितने महत्त्व पूर्ण है। इसका अंदाजा आपको आ गया होगा। श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अपने भारत में स्टेम सेल रिसर्च में बहुत इंटरेस्ट दिखाया है गूगल में सर्च करो।
दोस्तों अब चौका देनेवाली बात तो ये है की जैसे माता की नाड के "स्टेम सेल" होते है। बिलकुल वैसे ही "स्टेम सेल" स्विझरलेण्ड के एक बुद्धिमान साइंटिस्ट Dr. Fred zulli ने सफरजन और अंगूर (सिर्फ स्विझरलेन्डके फल) जैसे फलो मेसे ढूंढ निकाले है।
जन्म की नाड के स्टेम सेल तो सिर्फ उसी बच्चे को काम आते है जिस की वह नाड हो। केकिन यह फ्रूट में से बनाये हुए "स्टेम सेल" सभी मानव जाती को काम आ रहे है ये इस सायंटिस्ट का मानव जातिके लिए एक बड़ा आशीर्वाद है। और ये आज के ज़माने के सायंस टेक्नोलॉजी की बिलकुल नई औए चौका देनेवाली बहोत ऊँची खोज है। और इस खोजने 2 साल मे 4 देशो में लखो लोगोंके इलाज करके १००% सफलता हासिल कर चुकी है। अब ख़ुशी की और अपने नसीब की बात तो ये है की 3 महीने बाद अपने भारत में इस फायटो साइंस कंपनी की लॉन्चिंग होने जा रही है। जिससे हम भारत वासियो को इसका लाभ मिलेगा।
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